???? पीएमएस बहुकरोड़ी घोटाले की फाइल बंद ; नेशनल शिड्यूल्ड कास्ट अलाइंस नाराज़
???? मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी सरकार ने पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति घोटाले का मामला किया रफा दफा ; कांग्रेस सरकार का अनुसूचित जाति प्रति चेहरा हुआ बेनकाब : कैंथ
???? चरणजीत सिंह चन्नी सरकार ने पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के तहत धन की कथित हेराफेरी की जांच बंद करके सरकार को करोड़ों रुपए का चूना लगाने 8वालों के साथ सांठगांठ करके बड़े स्तर पर किया भ्रष्टाचार : कैंथ
चंडीगढ़, 12 जनवरी – न्यूज़लाईन एक्सप्रेस ब्यूरो – अनुसूचित जाति के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने पंजाब में पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप योजना के तहत बहुचर्चित व बहुकरोड़ी घोटालों में लिप्त कथित दोषियों और महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों के निजी शिक्षण संस्थानों के प्रबंधन को बचाने के लिए घोटाले की जांच की फाइल बंद करके अपने ही समाज के गरीब परिवारों के विद्यार्थियों के साथ अन्याय, धोखा और धक्केशाही की है। नैशनल शिडयूल्ड कास्ट अलाइंस के प्रधान परमजीत सिंह कैंथ ने ये दोष लगाते हुए उक्त घोटाले के दोषियों को सजा ना दिलवाकर फाइल बंद करने का गंभीर नोटिस लिया है।
उन्होंने कहा कि राजनैतिक स्वार्थों की पूर्ति के लिए एस सी समाज के बच्चों के साथ धोखा किया गया है, कानून की धज्जियां उड़ाकर अनुसूचित जाति के समूह विद्यार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया गया है।
कैंथ ने कहा कि अनुसूचित जाति के लाखों विद्यार्थियों को मिलने वाली छात्रवृत्ति में राजनैतिक पार्टियों विशेषकर अकाली दल और कांग्रेस ने घोटा किया है। उन्होंने कहा कि इस बहुकरोड़ी घोटाले को दबाने के लिए राजनीतिज्ञों ne शुरू से ही कोशिशें की हैं।
नैशनल शिड्यूल्ड कास्ट अलाइंस के चीफ परमजीत सिंह कैंथ ने दोष लगाया है कि सरकार ने चुपचपीते चुनावों से ठीक पहले वजीफा घोटाले के दोषियों को बचा दिया है जिन पर अब पुलिस केस दर्ज नहीं होगा। पहली जनवरी को हुई मीटिंग में उन शिक्षा संस्थानों के खिलाफ भी पुलिस कारवाई से छूट दे दी गई है जिनसे सरकार पहले ही 9 प्रतिशत ब्याज समेत रिकवरी कर ली गई है। उन्होंने बताया कि इस मामले को पूरी तरह गुप्त रखा गया जबकि इस बारे में संबंधित विभाग द्वारा कोई एजेंडा भी नहीं भेजा गया था, फिर भी कैबिनेट ने अपने स्तर पर ही फैसला कर लिया। याद रहे कि पंजाब सरकार ने 31 मई 2018 को पोस्ट मैट्रिक वजीफा स्कीम के संबंध में फैसला किया था कि जिन संस्थानों की तरफ 50 लाख से ज्यादा की इतराजयोग राशि निकाली गई है उनके खिलाफ कारवाई की जाए। ऐसे 70 संस्थानों की शनाख्त की भी गई जिनके पास 100 करोड़ से ज्यादा की (101.51 करोड़) बकाया राशि पाई गई परंतु मुख्य मंत्री द्वारा दिए आदेशों के बाद दोबारा रिव्यू किया गया और ये बकाया राशि 56.64 करोड़ रुपए रह गई। प्राप्त जानकारी के अनुसार वजीफा राशि में गड़बड़ी वाले 70 शिक्षा संस्थानों में से 34 ने ब्याज समेत बकाया राशि सरकार कोबापिस कर दी जबकि 25.23 करोड़ को राशि अभी भी बकाया खड़ी है। सूत्र बताते हैं कि निजी संस्थाओं के दबाव में इनको पुलिस केस से मुक्त दिया है और दलितों के अपने ही मुख्य मंत्री चरणजीत सिंह चन्नी इन संस्थाओं में शामिल 2 विश्वविधालयों के समागमों में शामिल भी हो चुके हैं। मोहाली जिले की एक नामी यूनिवर्सिटी की तरफ वजीफा स्कीम के विशेष ऑडिट के दौरान 23.43 करोड़ रुपए की बकाया राशि निकले थी जोकि बाद में रिव्यू करने पर घटकर सिर्फ 3.08 करोड़ रुपए रह गई। इसी तरह जालंधर की एक प्राइवेट यूनिवर्सिटी की 7.23 करोड़ की राशि भी रिव्यू के बाद सिर्फ 3.42 करोड़ कर दी गई। ठीक इसी तरह बठिंडा की एक निजी यूनिवर्सिटी की राशि भी 15.58 करोड़ से घटाकर सिर्फ 1.72 करोड़ रुपए कर दी गई। कपूरथला की एक निजी यूनिवर्सिटी का 12.91 करोड़ का बकाया भी घटाकर सिर्फ 1.04 करोड़ रुपए कर दिया गया। पुलिस के डर से इन संस्थानों ने सरकार को करोड़ों रुपए का बकाया मोड़ भी दिया।
परमजीत सिंह कैंथ ने आगे कहा कि चन्नी की कांग्रेस सरकार ने मिलोभुगत करके सरकार को करोड़ों रुपए का चूना लगाने वालों के साथ सांठ गांठ करके बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार किया है।
कैंथ ने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार ने अपने स्तर पर करवाई स्पेशल ऑडिट करवा कर करोड़ों रुपए के घोटाले का खुलासा किया था, परन्तु इस सरकार ने चुनावों के लिए निजी कालेज और यूनिवर्सिटी मैनेजमेंट से गुप्त ढंग से चुनावी फंड हासिल करने के लिए नया तरीका ढूंढा है, इस तरह से गरीब वर्ग के भविष्य के साथ खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
परमजीत सिंह कैंथ ने आगे कहा कि पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति कथित घोटाले के संबंध में पंजाब के राज्यपाल को मिलकर मांग पत्र दिया जाएगा और गरीब वर्ग के विद्यार्थियों के करोड़ों रुपए के घोटाले को उजागर किया जाएगा।
*Newsline Express*