???? पवित्र ग्रंथ श्री रामायण के नाम पर हिंदू देवी-देवताओं का अपमान करने के आरोपी सरबजीत सिंह ओखला की सातवीं बार जमानत याचिका खारिज
पटियाला, 19 मार्च – न्यूज़लाईन एक्सप्रैस – धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के आरोप में करीब आठ महीने जेल में रहने के बाद हाईकोर्ट से ज़मानत करवा के रिहा हुए आरोपी सरबजीत सिंह ओखला के खिलाफ एक और धारा के अधीन अग्रिम जमानत याचिका को माननीय अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पटियाला की अदालत ने खारिज कर दिया है।
इस मामले में आरोपी पर धारा 153 के तहत आरोप लगाया गया है। आरोपी सरबजीत सिंह ओखला को अब जमानत के लिए दोबारा हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ेगा।
आज माननीय अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पटियाला श्रीमती सुचेता आशीष देव की अदालत में एडवोकेट दविंदर राजपूत ने आरोपी सरबजीत सिंह ओखला की जमानत याचिका पर कड़ा एतराज जताया, जिसके चलते आरोपी की जमानत याचिका खारिज कर दी गई। इस अवसर पर काबिल वकील देवेन्द्र राजपूत, शिकायतकर्ता अशोक वर्मा सहित कुछ अन्य पत्रकार भी उपस्थित थे। उल्लेखनीय है कि पटियाला के आनंद नगर निवासी सरबजीत सिंह ओखला द्वारा धार्मिक एवं पवित्र ग्रंथ श्री रामायण के नाम पर टिप्पणियां करती एक पुस्तक प्रकाशित की गई थी, जिसके विरोध में पटियाला के शिकायतकर्ता वरिष्ठ पत्रकार अशोक वर्मा ने वर्ष 2022 में एसएसपी पटियाला से अनुरोध किया था कि आरोपियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए, अन्यथा धार्मिक दंगे भड़क सकते हैं और लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंची है। इस गंभीर मामले की महत्ता को समझते हुए उच्च अधिकारियों ने जांच की और आरोपियों के खिलाफ मार्च 2022 में लाहौरी गेट पुलिस स्टेशन, पटियाला में बे-अदबी के आरोप में दंड संहिता की धारा 295-ए के तहत मामला दर्ज किया।
पत्रकारों से बातचीत करते हुए एडवोकेट राजपूत ने कहा कि बे-अदबी के आरोपी और साजिशकर्ता सरबजीत सिंह ओखला की जमानत सातवीं बार खारिज हुई है। Newsline Express
