???? विश्व युद्ध और राजनीतिक बदलाव ज्योतिष की नजर में
???? पढ़िए, क्या कहना है मशहूर ज्योतिषी सूर्यकांत वर्मा का
???? 29 अप्रैल तक युद्ध के बादल मंडराते रहेंगे, लेकिन विश्व युद्ध और परमाणु युद्ध की संभावना नहीं
???? पाकिस्तान और रूस में हो सकता है तख्तापलट
पटियाला – न्यूज़लाईन एक्सप्रेस ब्यूरो –
सभी जानते हैं कि रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध छिड़ा हुआ है। यूक्रेन में हर जगह तबाही मची हुई है। पूरी दुनिया में लोग विश्व युद्ध और परमाणु युद्ध के बारे में अटकलें लगा रहे हैं। हालांकि पाकिस्तान और रूस में उथल-पुथल की आशंका है।
आइए, आपको बताते हैं कि पटियाला के मशहूर ज्योतिषी सूर्यकांत वर्मा का इस बारे में क्या कहना है। लेकिन पहले यह जान लें कि वह कौन है। सूर्यकांत वर्मा एक ऐसे व्यक्ति हैं जो अपनी कई सांसारिक और राजनीतिक भविष्यवाणियों के लिए प्रसिद्ध हैं। उन्होंने पंजाब, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा और अन्य राज्यों में हाल के चुनावों की सटीक भविष्यवाणी की है। इससे पहले भी उन्होंने कई भविष्यवाणियां की हैं।
दुनिया भर की मौजूदा स्थिति पर न्यूज़लाइन एक्सप्रेस ब्यूरो से बात करते हुए श्री सूर्यकांत वर्मा ने कहा कि प्रथम विश्व युद्ध 28 जुलाई 1914 को शुरू हुआ और 11 नवंबर 1918 को समाप्त हुआ। जर्मनी ने 1 सितंबर 1939 को पोलैंड पर आक्रमण किया और द्वितीय विश्व युद्ध 3 सितंबर 1939 को शुरू हुआ और 14 अगस्त 1945 को समाप्त हुआ। इस युद्ध के दौरान ग्रहों की जो b दशा थी इसके मुताबिक प्लूटो के साथ मंगल और शनि की युति के कारण द्वितीय विश्व युद्ध हुआ जो ज्योतिषियों की नजर में दोनों युद्धों में देखा गया है। उन्होंने बताया कि अभी और भी कठिन समय है क्योंकि प्लूटो मंगल और शनि के साथ मकर राशि में शनि की उग्र राशि है। यह ज्योतिष का सूत्र है कि जब भी एक राशि में चार से अधिक ग्रहों की युति होती है, तो पृथ्वी पर अंधेरी, तूफान, जलवायु परिवर्तन या सार्वजनिक विद्रोह होता है, दो देशों के बीच युद्ध छिड़ जाता है। इस पूरे महीने में 5 ग्रहों के गोचर के साथ मकर राशि में 4 ग्रहों की युति से केदार योग बन रहा है। इसी राशि में षठग्रही योग भी बन रहा है। पंचग्रही और षठग्रही योग के कारण देश दुनिया में बड़ी उथल-पुथल मचती है के दौर से गुजर रहा है। जब भी षठग्रही ग्रह योग बनते हैं तो उससे पहले ही युद्ध की स्थिति बन जाती है। जनवरी महीने की शुरुआत में शनि और बृहस्पति मकर राशि में विराजमान थे और चंद्रमा ने भी 9 फरवरी को मकर राशि में प्रवेश किया। इस प्रकार मकर राशि में 6 ग्रहों शनि, बृहस्पति, शुक्र, सूर्य, बुध और चंद्रमा ने मिलकर षठग्रही योग बनाया जिसने देश और दुनिया की स्थिति बदल दी जबकि अब पंचग्रही योग होने वाला है। मंगल और शनि का मकर राशि में एक साथ होना युद्ध की स्थिति को दर्शाता है। कुछ ऐसे ही योग होने के कारण वर्ष 1961-62 में भारत और चीन के बीच युद्ध हुआ। उस समय पहले पांचग्रही योग बने और बाद में एक ही राशि में 6 ग्रह एक साथ विराजमान थे। अब इसी तरह के योग वर्ष 2022 में भी बन है जिसके कारण जिसके चलते रूस और यूक्रेन के बीच जंग छिड़ गई। इन ग्रहों के संचय से भारी आर्थिक और मानवीय नुकसान भी होता है।
इसके अलावा चीन ताइवान पर हमले की संभावना है जबकि भारत को सतर्क रहना होगा। मंगल और प्लूटो की युति से परमाणु युद्ध भी हो सकता है। मकर राशि में पाप ग्रहों के जमा होने का मतलब यह भी है कि मुस्लिम देशों में विशेषकर पाकिस्तान में सत्ता परिवर्तन हो सकता है और रूस में भी तखता पलट हो सकता है।
श्री सूर्यकांत वर्मा ने आगे कहा कि 5 अप्रैल 2022 को शनि और मंगल दोनों का अंश बराबर बराबर होने के कारण यह दिन काफी भयानक और विस्फोटक हो सकता है। उन्होंने कहा कि 13 अप्रैल को बृहस्पति मीन राशि में प्रवेश कर जाएंगे जो स्थिति में थोड़ा सुकून देने वाला होगा लेकिन 29 अप्रैल तक युद्ध के बादल मंडराते रहेंगे परंतु विश्व युद्ध और परमाणु युद्ध की संभावना से नहीं कही जा सकती है। 29 अप्रैल के बाद स्थिति शांत होनी चाहिए, ऐसी ज्योतिष की मान्यता है।